संदेश

हिचकियां

 FB-136 सुबह से शुरू हुआ हिचकियों का खेल दिन ढलते ढलते मजेदार हो चला | स्कूल से आते ही बच्चे मेरी हिचकी को रोकने का जतन करने में लग गये | अच्छा आप एक काम करिये ......हमम्मं बोलो .....|>आप ना नाम लेना शुरू कीजिये ........पहला नुस्खा मेरी भतीजी का ! हाथी ,घोडा ,कुत्ता ,बिल्ली ,कबुतर ,तोता मैने नाम लेना शुरू किया !!! ओ माई गोड !;;!!! कहकर भतीजी सिर पीट ली | तो!???..अरे य़ार इंसानो के नाम लिजिये | अच्छा !इंसानो के ???? चिंटू ,मिंटू ,राम ,श्याम ,सीता ,गीता ,लक्षमी ...हंस्ते हुए मैने कहना शुरू किया | कुछ नहीं हो सकता आपका ....भतीजी ईरीटेट हो गयी | ज़िनका आपको लगता है कि वे आपको याद कर सकते है ....उनका लिजिये ...जो भी आपको मिस कर रहा होगा . .उसका नाम लेते ही हिचकी बन्द हो ज़ायेगी | गजब है हम भारत वाले भी .....कुछ ज्ञान तो यूँ ही अपने आप ही पीढी दर हस्तांतरित होता रहता है |तुम्हे किसने बताया ये सब ???हमे पता है और ऐसा करने से हिचकी बन्द हो भी जाती है ,बच्चो ने दावे के साथ कहा | इधर मेरी हिचकी कुछ खाने के बाद थोडी देर के लिये बन्द हो फिर से चालू हो जाती और उधर बच्चो के नये नये नुस्खे | अगला

मेरा बाबू

 ऐ नन्ही सी जान तू बन गई है मेरी पहचान रातों को सोचूं दिन को विचारूँ किस नाम से मैं तुझको पुकारूं ऐ नन्ही सी जान , तू बन गई है मेरी पहचान|| तू ही मेरे अरमां, तू ही मेरा खिलौना तू बन गया है मेरा सपना सलोना ऐ नन्ही सी जान तू बन गई है मेरी पहचान|| तू है मेरी चाहत, तू जन्नत है मेरी तुझसे ही तो ये जिंदगी उन्नत मेरी ऐ नन्ही सी जान  तू बन गई है मेरी पहचान|| #अनितापाल

ख्याल और ख्वाब

 २८९ ख्वाबों ,ख्यालों और सवालों का है  काफिला संग में , लोग कहते है ..... तन्हा हूँ मैं ज़िंदगी के सफर में | आगे आगे चलते है ख्वाब , संग मेरे चलते है ख्याल  पीछे पीछे बहुत सारे सवाल || संभालती हूँ मैं इन्हे  या ये मुझे रहे है संभाल | अनुत्तरित है आज तक ये भी सवाल || ~~अनिता पाल

पहली मुलाकात

 "पहली मुलाकात "                    ( १) पहले प्यार की  पहली मुलाकात  हाथ में मेरे जब तुमने  रखा अपना हाथ  था वो कितना सुखद अहसास  कल तक था जो अजनबी  आज वो बन गया खास  पहले प्यार की  पहली मुलाकात ||                     (२) फैलाकर अपनी बाहों को  उनमें मुझे जकडना  करते हुए वादे हजारों  हाथ मेरा कसकर पकडना  लेकर लबो पर खामोशी  आँखो से हुई बाते हजार  तब समझ में मेरी आया  ये है मेरा पहला प्यार  कल तक तो जाने हालात  आज समझ आये जज्बात  पहले प्यार की  पहली मुलाकात ||                 (३) भोली सी सुरत  बातों में मिठास  प्यारी सी हंसी  खूबसुरत से जज्बात  पहले प्यार की  पहली मुलाकात |||                     ( ४) पहले प्यार का  पहला स्पर्श  भर गया जीवन में उत्कर्ष  दोनों बने प्यार की मूरत  पहली बार लगी ज़िंदगी खूबसूरत  सोचा थाम लूँ इस पल को  लगे ना नजर हमारे कल को  हर दिन ज़िंदगी में हो प्यार की मिठास  पहले प्यार की  पहली मुलाकात ||•                                 ( ५) पहले प्यार का  पहला चुम्बन  कर गया तन मन में स्पंदन  पहली बार लगा जीवन कुंदन  रोमांचित हुई सकल देह   जैसे वर्षो बाद बरसा मे

आंखे

आँखे " ज़िंदगी की खुशियों को चुनती हैं , हर रोज नित नये सपने बुनती हैं  'आँखे '| जिन्दगी को बिखरते और संवरते देखती हैं , एक पल रोती हैं तो अगले ही पल  हँस देती हैं  ' आँखे '| यूँ तो हमेशा ही प्यार लुटाती हैं , पर कभी कभी नफरत भी जताती हैं  'आँखे '| दिल की बात को चुपके से कह देती है , पर कभी कभी बहुत कुछ छुपाती हैं 'आँखे '| आँसू और मुस्कान दोनों को पालती हैं , सच कहूँ तो जिन्दगी को संभालती हैं 'आँखे ' ~~~~~~~अनिता  पाल ~~~``~~~~

मैं नारी हूं

 "मैं नारी हूँ " चप रहूँ तो  घमंडी हूँ . बहुत बोलूँ तो तेज तर्रार हूँ | ना कह दूँ तो अक्खड हूँ , इगनोर करूँ तो भोली हूँ | ज़माने ने कुछ यूँ ही तोली हूँ | क्यूँकि मैं एक लड़की हूँ || जानती हूँ मैं अपनी मर्यादा , ना सिखाओ तुम मुझे ज्यादा | माना कि मैं कोमल हूँ , लेकिन कमजोर नहीं | इतनी भी कच्ची डोर नहीं , मुझे गर्व हैं खुद पर कि मैं नारी हूँ , अपने अधिकारो की अधिकारी हूँ|| #अनिता पाल
 "ना परवा हैं ,ना पछुआ हैं  चली आज ये कौन  सी हवा हैं ! दुख का बादल हैं ,नैनो का नीर हैं , दिल में आज अजीब सी पीर हैं ! सहमी सहमी  सी हैं ये  धरती , आसमाँ भी मौन  हैं !! ज़िन्दगीं की इस नाव का खिवैया कौन हैं !! अनिता  पाल
हर किसी के महलो के होते नहीं चर्चे .... मुझे विश्वास हैं एक दिन मेरी झोपडी सुर्खियों में होगी | ~~~~~~~~anita pal~~~~~~~ #Anita Pal Sukhatri
 "क्या लिखूँ -2" बचपन का गाँव या यादों का शहर , सुख की छाँव या दुख का कहर || क्या लिखूँ ????? राहो की मुशकिल या बुलंद इरादे , कशमकश ज़िंदगी की या खुद से किये वादे || क्या लिखूँ ?????? दुनियां की हकीकत या सपनो का संसार , जग का व्यवहार या अपनो का प्यार | क्या लिखूँ ???? #AnitaPal