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----------(१)-------------- प्यार में भले ही लांघ दो साथ समन्दर लांघ दो क्षितिज रेखा पहुँच जाओ पाताल तक पर कभी नहीं करना  उस रेखा को पार जिसको लांघ जाने पर वो ह्रदय करे चीत्कार जिसने आपको अपने दूध और खून से सींचा हैं || -------------------------------------------------;-----------                         (२) प्यार में भले ही छू लो आसमां छा जाओ धरा पर खरीद लो खुशियां कमा लो दौलत बेशुमार पर  ना बेच देना वो संस्कार जिसने तुम्हें जीना था सिखाया ||
४९४ "बचपन " जवानी की दहलीज पर दे जाता हैं दस्तक  बचपन जब घर के कोने कोने से निकलकर सज ज़ाते हैं खिलौने पलंग के नीचे , बनता हैं खाना बिना चुल्हे ,बिना आटा और बिना दाल के माँ -बाप ,दादा-दादी  समेत सभी रिश्तों की भूमिकायें निभायी जाती हैं तोतली जुबां से || अतीत को कुरेदते हुए दो पल के लिये झांक लेती हूँ अपने बचपन में तुलना करती हूँ आज के बचपन की अपने बचपन से ... कोई किसी भी हालात में पला बढा  हो पर बचपन सबको याद आता हैं || #अनितापाल
देकर  जन्म  मुझे , किया  मुझ पर उपकार , नाजों से  पाला  पोसा और दिये  अच्छे  संस्कार। पढाया लिखाया और बनाया इतना होनहार , जब आयी  मेरी बारी , खुद किया इस जहाँ  से प्रस्थान। .  विधि के विधाता का कैसा है ये विधान।
एक बार फिर मनेगा स्वतंत्रता का पर्व लाल किले की भीड को होगा देश पर गर्व | फाइलो में होगा देश का विकास भूखे ,नंगे ,गरीबो का होगा परिहास | आजादी का जश्न देश भर में होगा लोकतंत्र का दम हर रोज घुटेगा | गरीब ,भूखा ,नंगा बेचेगा सड़क पे तिरंगा भरने को अपने बच्चों का पेट गरीबो माँ सिलेगी झंडा | देश की आन बान शान पर सब कुछ होगा कुर्बान || झंडा बेचकर मासूम सी जान भरेगी अपना पेट कभी रोटी के अभाव में कमर से जा लगेगा ये पेट || और फिर एक दिन भूख -प्यास ,गर्मी सर्दी से तडपकर ये तोड़ देंगे दम | फिर भी भारत का विकास होता रहेगा और गरीब बिना छत के सोता रहेगा || संसद और संविधान बार बार  देंगे गारंटी हर किसी को जीने की भरपेट खाने और स्वच्छ जल पीने की | सड़क पर भीख मांगते और ढ़ाबों पर बरतन धोते बच्चे मिलेंगे स्कूलों के रजिस्टर में सर्व शिक्षा अभियान को सफल बनाने के लिए || कुछ दिन बाद स्वतंत्रता का पर्व गुजर जायेगा नेता जुमलेबाजी में और अफसर भ्रस्टाचार में व्यस्त हो जायेगा || गरीब ,भूखे ,नंगे किस्मत के भरोसे ज़ियेंगे कूड़े के ढेर से खाकर रोटी , गटर का पानी पियेंगे || स्वतंत्रता क