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लिख दूँ प्यार य़ा लिख दूँ तकरार तुम कहो तो लिख दूँ दो दिलों का करार || धरती लिख दूँ या लिख दूँ आकाश तुम कहो तो लिख दूँ दो दिलों का विश्वास || नदियां लिख दूँ य़ा लिख दूँ किनारे तुम कहो तो लिख दूँ प्यार का समन्दर प्यारे || मन्दिर मस्जिद लिख दूँ य़ा लिख दूँ गुरुद्वारे तुम जो कहो लिखूँ वही प्राण प्यारे || #लवयूजिंदगी #AP
४४८ हर क्षण ,हर पल नैनों का नीर अविरल || वो बाते ,वो यादे , जेहन में घूमते अधूरे वादे | मधुर मिलन की टूटती आस , इस जनम की अधूरी प्यास | हर पल पास होने का अहसास सचमुच तुमसा नहीं कोई खास | ~~~~अनिता पाल ~~
                     (१) दुनियां की सुसंस्कारी लड़कियों !! संस्कार की चादर में इस कदर मत लिपट जाना कि वो तुम्हारा कफन बन ज़ाये |बिता ना देना ज़िंदगी लक्ष्मणरेखा की कैद में |मुझे फिकर है संस्कारों की भूल भूलैया में मासूम सी जिन्दगी उलझ ना जाये | हो ना जाना इतनी बेपरवाह की ख्वाहिशे दफन हो जाये | कहीं ऐसा ना हो संस्कारों की फिकर करते करते तुम्हारे अरमानों की चिता सज जाये | ना आने देना  वो दिन जब तुम्हारे अरमान आंसू बन गालों पर लुढक ज़ाये | पथरा ना जाये तुम्हारे नयन इस कदर कि कोई ख्वाब इनमें पल ना सके |                                (२)                            लड़कपन की उडान भरती बच्चियों !! बहककर उलझ ना किसी ऐसे जाल में जो तुम्हारे जीवन का जंजाल बन ज़ाये |फूंक फूंक कर रखना हर कदम स्वार्थ की इस दुनियां में |पड ना जाना किसी ऐसे  अमीर के प्यार में जो बेच दे अपना ज़मीर और फिर एक दिन सौदा कर दे तुम्हारे सपनों का |झूठे अाश्वासनों के हवाले कर ना देना खुद को |भ्रमित ना हो जाना  दुनियां की चकाचौंद में |                              (   ३) दुनियां की विवाहित महिलाओं !!! ज़िम्मेदारियों के बोझ