जीवन की आपाधापी में आप एकांत तलाशते फिरते है और एक दिन अचानक एकांत आपके पास आता है और आपसे कई सवाल पूछता है| और आपको ज़िंदगी का आईना दिखाकर चला जाता है | #अनितापाल
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फ़रवरी, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
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२७६ घोटालों का साल है , मचा हुआ बवाल है | गरीब बदहाल है , अमीर मालामाल है || पैसे वालों की सेटिंग है , बाकी सबकी वेटिंग है | युवा बेरोजगार है , फैला भ्रष्टाचार है | संसद हुई लाचार है , मचा हाहाकार है || सीमा पर जान दे रहा जवान है , कर्ज से मर रहा किसान है | आम आदमी परेशान है सचमुच मेरा देश महान है || ~~~~~अनिता पाल ~~~~
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FB-58 विधाता से मैं अक्सर शिकायत करती थी , नवाजा है मुझको बहुतो हुनर से | बनाया है मुझको बहुत जतन से , फिर क्यूँ नहीं कागज में रंग भरना सिखाया सुन मेरी शिकायत विधाता ने फरमाया || प्रकृति के रंग बहुत ही खूबसुरत है , फिर तुम्हें कागजो में रंग भरने की क्या ज़रूरत है | बस तुम प्रकृति की सुन्दरता को निहारो , इसी खूबसुरती को दिल में उतारो | प्रकृति सौन्दर्य प्रेरणा और प्यार है , इसी में छिपा जीने का सार है || विधाता की बाते दिल को भा गयी , मैं प्रकृति के और करीब आ गयी || एक दिन सुनी मैने गुलाब की प्रेम कहानी , जाना क्यूँ दुनियाँ है उसकी दीवानी | रंगो से बाते करके हुआ सुखद अहसास , ज़िन्दगीं में घुल गयी प्यार की मिठास || ~~~~~~~अनिता पाल ~~~~~~~
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२६६ "सच बिन्दी का " आसान नहीं है एक लडकी होना | एक तरफ शरीर की कोमलता दूसरी तरफ असहनीय दर्द को सहजता से सहने की क्षमता |लाख योग्य होने के बाद भी भोग्य की नजर से ज्यादा देखी जाती है |शायद ये ही हकीकत है |दुनियां का शायद ही कोई कोना हो जहां वो खुद को महफूज महसूस करे | इनबॉक्स से लेकर सड़क तक इरीटेट करने वालो की कमी नहीं है |अभी अभी बस मे बगल में बैठी महिला ने पूछा ....आपकी शादी हो गयी ...!??? क्यूँ ....मैने पूछा ... आपने बिन्दी लगा रखी है ...इसीलिये पूछा ..मैने उस अजनबी महिला को गौर से देखने के बाद बिन्दी का सच बताना उचित नहीं समझा |और मुस्करा दी ......साथ ही मन ही मन थोड़ा सा इरीटेट हो गयी |बेवजह लोग कितना ऑबज़र्व करते है | ये प्रशन अगर किसी पुरूष का होता तो वो शायद चुप बैठ जाता उत्तर सुनने के बाद .. पर मोहतरमा को संतुष्टी नहीं हुई और उसने मेरे प्रोफेसन से लेकर अंतरजातिय विवाह तक वार्तालाप कर ड़ाला |उसकी बातों से बोर होकर मैने ये लेख लिखना शुरू कर दिय